–नवीन चतुर्वेदी
थी मैराथन दौड
सभी प्रतियोगी थे तैयार।
चीता था तैयार
और थे घोडे भी तैयार।
ऊंट सधा बैठा,
बैठा था, सिंह फुलाए सीना।
चूहा भी था एक ट्रैक पर
नाम था जिसका टीना।
गणपति जी की कथा याद थी
खुश था मन ही मन।
होते ही संकेत,
सभी प्रतियोगी दौड पडे थे।
केवल चूहे राम
वहीं पर अडे खडे थे।
खडा देख निर्णायक को
दौडे चूहे राम
चक्कर सात लगाए उसके
चूहे ने अविराम,
किन्तु गया बेकार सभी
मैराथन जीता घोडा
तब चूहे ने पत्थर से
अपना ही सिर फोड़ा।