१-हमे जो मिला है;
हमारे भाग्य से ज्यादा मिला है
यदि आप के पाँव में जूते नही है;
तो अफसोस मत कीजिये
दुनिया में कई लोगोँ के पास
तो पाँव ही नहीं है।
२-चापलूस चोर होता है। वह बेवकूफ बना कर
तुम्हारा समय भी चुराता है और बुद्धि भी
- चाणक्य
3-जो लोगों की छोटी- छोटी गल्तियों को भुला नहीं
सकता वह दरिद्र आत्मा है।
4-माचिस की तीली का
सिर होता है,
पर दिमाग नहीँ,
इसलिये वह थोड़े घर्षण से
जल उठती है
हमारे पास सिर भी है और दिमाग भी।
फिर भी हम छोटी- सी बात पर
उत्तेजित क्यों हो जाते हैं।
5-मान सदा औरों को देने के लिये होता है;
औरों से लेने के लिये नहीं ।
Showing posts with label ॠषि शर्मा. Show all posts
Showing posts with label ॠषि शर्मा. Show all posts
Monday, August 27, 2007
विचार
1-ग़लती कर देना
मामूली बात है
पर उसे स्वीकार कर लेना
बड़ी बात है।
मामूली बात है
पर उसे स्वीकार कर लेना
बड़ी बात है।
२-जो दुःख आने से पहले ही
दुःख मानता है;
वह आवश्यकता से ज्यादा
दुःख उठाता है।
३-आप के पास किसी की
निंदा करने वाला,
किसी के पास तुम्हारी
निंदा करने वाला होगा।
दुःख मानता है;
वह आवश्यकता से ज्यादा
दुःख उठाता है।
३-आप के पास किसी की
निंदा करने वाला,
किसी के पास तुम्हारी
निंदा करने वाला होगा।
४-शर्म की अमीरी से
इज्जत की गरीबी
अच्छी है।
इज्जत की गरीबी
अच्छी है।
Subscribe to:
Posts (Atom)