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Friday, July 25, 2008
Thursday, January 31, 2008
उपकारी पेड़

आकांक्षा गौतम ,6 स
पेड़ हमें देते हरियाली
करना है उनकी रखवाली ।
फूलों के रंग हैं बिखरे
फल तो रसों से हैं भरे॥
मिलती हमको छाया है
यही पेड़ की माया है ।
सुबह से लेकर शाम तक
कोयल कूकी आम पर ।
लकड़ी ,कागज़ और दवाई
सदा पेड़ से हमने पाई ।
सदा काम में आती है
फूल ,फल ,छाल और डाली
ठण्डी-ठण्डी प्यारी-प्यारी
पीपल की छाया है निराली
होते पेड़ सदा उपकारी
जीवन के लिए शुभकारी ।
…………
Saturday, November 17, 2007
जीवन मे आगे बढ़ना है
शिखा शर्मा, कक्षा 12
उगते सूरज को देख–देख मन मे मेरे यों आता है,
कि इस सूरज की तरह मुझे भी दुनिया को रोशन करना है ।
सपने देखे बहुत हैं मैने, अब सच्चाई मे गढ़ना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन मे आगे बढ़ना है ।
मॉ–बाप ने किया बहुत कुछ, त्याग दिए अपने सारे सुख,
उनके सीने को चौड़ा करके, जीवन में खुशियॉ भरना है ।
जो प्यार दिया उन्होंने मुझको, उस प्यार को दुगुना करना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन में आगे बढ़ना है।
उठ रही है उमंगें, कुछ करने को सब के लिए ,
उठती हुई उमंगों को हृदय–सागर में भरना है ।
मन विचलित न हो कभी, मन एकाग्र लक्ष्य पर करना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन में आगे बढ़ना है।
मन उस मॉझी को ढूँढ़ रहा जो जीवन–नैया को पार करे ,
मिलकर उस नाविक के साथ मुझे मेहनत में रंग भरना है ।
केन्द्रीय विद्यालय ओ ई एफ हजरतपुर, फिरोजाबाद ।
उगते सूरज को देख–देख मन मे मेरे यों आता है,
कि इस सूरज की तरह मुझे भी दुनिया को रोशन करना है ।
सपने देखे बहुत हैं मैने, अब सच्चाई मे गढ़ना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन मे आगे बढ़ना है ।
मॉ–बाप ने किया बहुत कुछ, त्याग दिए अपने सारे सुख,
उनके सीने को चौड़ा करके, जीवन में खुशियॉ भरना है ।
जो प्यार दिया उन्होंने मुझको, उस प्यार को दुगुना करना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन में आगे बढ़ना है।
उठ रही है उमंगें, कुछ करने को सब के लिए ,
उठती हुई उमंगों को हृदय–सागर में भरना है ।
मन विचलित न हो कभी, मन एकाग्र लक्ष्य पर करना है,
जीवन में आगे बढ़ना है, जीवन में आगे बढ़ना है।
मन उस मॉझी को ढूँढ़ रहा जो जीवन–नैया को पार करे ,
मिलकर उस नाविक के साथ मुझे मेहनत में रंग भरना है ।
केन्द्रीय विद्यालय ओ ई एफ हजरतपुर, फिरोजाबाद ।
अगर पेड़ न होते ।
शिशिर, कक्षा 8
अगर पेड़ न होते,
तो जीवन न होता ।
अगर पेड़ न होते,
तो पर्यावरण न होता ।
अनोखी पृथ्वी की शान हैं पेड़,
जीने का वरदान है पेड़ ।
इसलिए तो कवियों ने कहा है –
वृक्ष धरा के भूषण हैं,
करते दूर प्रदूषण है ।
पेड़ बिना न होती हवा ,
न होता खाना–पीना ,
भूखे ही हम मर जाते,
ऐसा जीना क्या जीना ।
पेड़ पर रहते हैं सब पंछी,
पृथ्वी की शोभा जो बढ़ाए ।
पेड़ के बिना ये भला कहॉ,
अपना आशियाना बनाएँ ।
पेड़ है तो जीवन है,
इसलिए खूब पेड़ लगाएँ ।
धरती हरी–भरी दिखे,
पृथ्वी को स्वर्ग बनाएँ ।
जीवन को सफल बनाना है,
तो पेड़ जरूर लगाना है ।
आसमान में जितने तारें,
उतने होगे पेड़ हमारे ।
‘वृक्ष धरा का गहना है’,
बस यही हमारा कहना है ।
केन्द्रीय विद्यालय ओ ई एफ हजरतपुर, फिरोजाबाद ।
अगर पेड़ न होते,
तो जीवन न होता ।
अगर पेड़ न होते,
तो पर्यावरण न होता ।
अनोखी पृथ्वी की शान हैं पेड़,
जीने का वरदान है पेड़ ।
इसलिए तो कवियों ने कहा है –
वृक्ष धरा के भूषण हैं,
करते दूर प्रदूषण है ।
पेड़ बिना न होती हवा ,
न होता खाना–पीना ,
भूखे ही हम मर जाते,
ऐसा जीना क्या जीना ।
पेड़ पर रहते हैं सब पंछी,
पृथ्वी की शोभा जो बढ़ाए ।
पेड़ के बिना ये भला कहॉ,
अपना आशियाना बनाएँ ।
पेड़ है तो जीवन है,
इसलिए खूब पेड़ लगाएँ ।
धरती हरी–भरी दिखे,
पृथ्वी को स्वर्ग बनाएँ ।
जीवन को सफल बनाना है,
तो पेड़ जरूर लगाना है ।
आसमान में जितने तारें,
उतने होगे पेड़ हमारे ।
‘वृक्ष धरा का गहना है’,
बस यही हमारा कहना है ।
केन्द्रीय विद्यालय ओ ई एफ हजरतपुर, फिरोजाबाद ।
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