10.गिरगिट का सुझाव
–नवीन चतुर्वेदी
खेल समिति में
गिरगिट जी ने
नया शिगूफा छोडा
और बहस की धारा को
एक नई दिशा में मोडा।
बोले–‘‘ छोडो खेल पुराने
नए खेल कुछ खेलो
रंग बदलने की स्पर्धा
भी तुम उनमें ले लो।
>>>>>>>>>>>
Showing posts with label बाल–गीत. Show all posts
Showing posts with label बाल–गीत. Show all posts
Saturday, November 3, 2007
8.खूब खिचेंगे कान
–नवीन चतुर्वेदी
दीदी बोली मुन्नू से
तू सोता लंबी तान
अभी नहीं कुछ भी बिगडा है
मेरी बातें मान।
सारे बच्चे पास होएंगे
तू होएगा फेल
और तभी फिर खूब खिचेंगे
तेरे लंबे कान।
दीदी बोली मुन्नू से
तू सोता लंबी तान
अभी नहीं कुछ भी बिगडा है
मेरी बातें मान।
सारे बच्चे पास होएंगे
तू होएगा फेल
और तभी फिर खूब खिचेंगे
तेरे लंबे कान।
7.चुनमुन
–नवीन चतुर्वेदी
सुबह हो गई,
कोहरे की चादर फिर भी छाई है।
चुनमुन ने
सोते रहने की कसम उठाई है।
अब जब सूरज
उठा रहा है कोहरे की चादर
तब चुनमुन की दादी
उसे उठाने आईं है।
सुबह हो गई,
कोहरे की चादर फिर भी छाई है।
चुनमुन ने
सोते रहने की कसम उठाई है।
अब जब सूरज
उठा रहा है कोहरे की चादर
तब चुनमुन की दादी
उसे उठाने आईं है।
6.चूहे का सूट
–नवीन चतुर्वेदी
सर्दी पडी बहुत, चूहे ने
अपना सूट सिलाया।
दो कतरन ऊनी कपडे की
चार रेशमी लाया।
दर्जी बोला–‘‘समय नहीं है,
कहीं और तुम जाओ,
और किसी छोटे दर्जी से
अपना सूट सिलाओ।‘‘
अपने पैने दांत दिखा
जब चूहे ने धमकाया
नाप लिया फौरन चूहे का
मन ही मन घबराया।
सर्दी पडी बहुत, चूहे ने
अपना सूट सिलाया।
दो कतरन ऊनी कपडे की
चार रेशमी लाया।
दर्जी बोला–‘‘समय नहीं है,
कहीं और तुम जाओ,
और किसी छोटे दर्जी से
अपना सूट सिलाओ।‘‘
अपने पैने दांत दिखा
जब चूहे ने धमकाया
नाप लिया फौरन चूहे का
मन ही मन घबराया।
5. जाडे का सूरज
–नवीन चतुर्वेदी
जाडे के मारे सूरज ने
ओढ लिया कुहरा।
मुर्गे ने जब बांग लगाई
सूरज बन गया बहरा।
आठ बजे के बाद दिखाया
उसने अपना चेहरा
और शाम के छह बजते ही
भागा, फिर ना ठहरा।
जाडे के मारे सूरज ने
ओढ लिया कुहरा।
मुर्गे ने जब बांग लगाई
सूरज बन गया बहरा।
आठ बजे के बाद दिखाया
उसने अपना चेहरा
और शाम के छह बजते ही
भागा, फिर ना ठहरा।
4-मैराथन दौड
–नवीन चतुर्वेदी
थी मैराथन दौड
सभी प्रतियोगी थे तैयार।
चीता था तैयार
और थे घोडे भी तैयार।
ऊंट सधा बैठा,
बैठा था, सिंह फुलाए सीना।
चूहा भी था एक ट्रैक पर
नाम था जिसका टीना।
गणपति जी की कथा याद थी
खुश था मन ही मन।
होते ही संकेत,
सभी प्रतियोगी दौड पडे थे।
केवल चूहे राम
वहीं पर अडे खडे थे।
खडा देख निर्णायक को
दौडे चूहे राम
चक्कर सात लगाए उसके
चूहे ने अविराम,
किन्तु गया बेकार सभी
मैराथन जीता घोडा
तब चूहे ने पत्थर से
अपना ही सिर फोड़ा।
थी मैराथन दौड
सभी प्रतियोगी थे तैयार।
चीता था तैयार
और थे घोडे भी तैयार।
ऊंट सधा बैठा,
बैठा था, सिंह फुलाए सीना।
चूहा भी था एक ट्रैक पर
नाम था जिसका टीना।
गणपति जी की कथा याद थी
खुश था मन ही मन।
होते ही संकेत,
सभी प्रतियोगी दौड पडे थे।
केवल चूहे राम
वहीं पर अडे खडे थे।
खडा देख निर्णायक को
दौडे चूहे राम
चक्कर सात लगाए उसके
चूहे ने अविराम,
किन्तु गया बेकार सभी
मैराथन जीता घोडा
तब चूहे ने पत्थर से
अपना ही सिर फोड़ा।
2. हाथी का पाजामा
–नवीन चतुर्वेदी
हाथी ने अपनी शादी में
पाजामा सिलवाया
नाप लिया बंदर मामा ने
उन्हें पसीना आया।
बोले–‘‘इसमें तो लग जाएंगे
पूरे दो थान।‘‘
हाथी बोला–‘‘एक थान में
मामा जाओ मान।‘‘
बंदर बोला–‘‘नही–नहीं फिर
अंडरवियर सिलाओ
उसे पहनकर धूम–धाम से
ब्याह रचाने जाओ।”
हाथी ने अपनी शादी में
पाजामा सिलवाया
नाप लिया बंदर मामा ने
उन्हें पसीना आया।
बोले–‘‘इसमें तो लग जाएंगे
पूरे दो थान।‘‘
हाथी बोला–‘‘एक थान में
मामा जाओ मान।‘‘
बंदर बोला–‘‘नही–नहीं फिर
अंडरवियर सिलाओ
उसे पहनकर धूम–धाम से
ब्याह रचाने जाओ।”
1. बंदर मामा धम्म धडाम
–नवीन चतुर्वेदी
बंदर कूदा डाली–डाली
मारी एक छलांग
नीचे से गदहा चिल्लाया
मामा मेरा सलाम,
बंदर मामा ने सलाम को
ज्यों ही हाथ उठाया
फिसला पैर , गिरे धरती पर
सीधे धम्म धडाम।
****
बंदर कूदा डाली–डाली
मारी एक छलांग
नीचे से गदहा चिल्लाया
मामा मेरा सलाम,
बंदर मामा ने सलाम को
ज्यों ही हाथ उठाया
फिसला पैर , गिरे धरती पर
सीधे धम्म धडाम।
****
Subscribe to:
Posts (Atom)